तीनों एकसाथ बोले,नही मित्र कुछ दिन तो तू यही हमारे साथ ही रुक जा फिर चला जाना। तीनों एकसाथ बोले,नही मित्र कुछ दिन तो तू यही हमारे साथ ही रुक जा फिर चला जाना।
शरद जोशी की पावन स्मृति को शत-शत नमन और मेरी श्रद्धांजलि। शरद जोशी की पावन स्मृति को शत-शत नमन और मेरी श्रद्धांजलि।
अब कुछ भी होता रहे उसके लिए तो व्यर्थ ही है। अब कुछ भी होता रहे उसके लिए तो व्यर्थ ही है।
सभी वर्धन परिवार की सफलता और एकता की चर्चा कर रहे थे सभी वर्धन परिवार की सफलता और एकता की चर्चा कर रहे थे
दुनिया दिखावे की है सादगी को सब मूर्खता ही समझ लेते हैं। दुनिया दिखावे की है सादगी को सब मूर्खता ही समझ लेते हैं।
सूरज को धक्का लगाया और बेटी को उठाया और भागकर महिला आरक्षण में चली गई। सूरज को धक्का लगाया और बेटी को उठाया और भागकर महिला आरक्षण में चली गई।